सबसे पहले हम जानते हैं कि Search Engine Optimization (SEO) क्या है और हमें इसे समझने की क्यों जरूरत है।
Let’s Well Known About Search Engine Optimization
तो अब आप यह समझो कि उन सभी वेबसाइट्स और ब्लॉग्स पर कौन-कौन सी सामग्री {Content} उपलब्ध होगा। वह हमें नहीं मालूम है।
और हम हर एक Websites को तो एक-एक करके खोल कर तो नहीं देख सकते की particular website पर यह content मौजूद है।
इसी को मध्य नजर रखते हुए और इस प्रॉब्लम को Sort Out करने के लिए ही Search Engine का आविष्कार किया गया।
अब Search Engine क्या है यह हम किसी और दिन किसी पोस्ट में इसको भी कवर कर लेंगे।
अभी आप इतना जान लो कि Google, Bing, Yahoo, DuckDuckGo, Ask.com, सर्च इंजन के उदाहरण है |
यह Search Engine Keywords and Keyphrases पर सर्च का रिजल्ट मुहैया करवाते है। Keywords and Keyphrases को भी हम आगे कवर करते हैं।
अब मान लो कि आपको किसी टॉपिक के बारे में जानकारी चाहिए तो आप हर एक वेबसाइट पर तो नहीं जाओगे कि कई वह टॉपिक आपको मिल जाए
इससे अच्छा है कि हम उस टॉपिक पर Search Engine यानी google पर search कर ले अब यह सर्च इंजन क्या करता है कि, आपके Topic के नाम से मिलान करता है
और यह खुद ढूंढता है कि उस टॉपिक से related कौन कौन सी Websites पर जानकारी मौजूद है ।
और उस वेबसाइट को आपको दिखा देता है।
अब यह जो दिखाने का काम है ना, यह Search Engine अपने-अपने Algoritham के अनूसार दिखाता है।
जैसे गूगल अपने Pages को Websites की Popularity Method से Arrange करता है।
अब जानते हैं कि गूगल किस Algoritham का यूज करता है जिससे किसी Website गूगल के 1st Page पर दिख जाए ।
अब मान लो कि किसी खास Website or blog पर ज्यादा Traffic (आसान शब्दों में People /Folk) आ रहा है,
और लोग उस वेबसाइट पर ज्यादा देर तक ठहरता करता है तो गूगल यह समझता है कि, इस वेबसाइट पर काफी अच्छी इंफॉर्मेशन होगी क्योंकि लोग ज्यादा देर तक इस वेबसाइट पर रुक रहे हैं।
तो गूगल Next Time उस Website को अपने First Page के Top पर दिखाएगा जिसके कारण लोग Google पर भी आएंगे क्योंकि उनको exact search result मिल रहा है |
और इसी कारण से लोगों का गूगल पर ज्यादा भरोसा रहेगा | जिससे गूगल के पास ज्यादा ट्रैफिक होगी।
उसी प्रकार से Website Owner को भी फायदा होगा | जिससे उसकी लिखी हुई जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक जाएगी |
और लोग उस वेबसाइट पर बार-बार आना चाहेंगे |
इसी दौरान वेबसाइट मालिक google की Ad दिखाएगा अपने वेबसाइट पर, जिसको लोग क्लिक करें तो ज्यादा से ज्यादा Earning हासिल कर सके |
In Short: आसान भाषा में कहा जाये तब SEO होता है Search Engine Optimization | ये उन techniques को कहा जाता है जिन्हें यदि कोई blogger अपने web pages में implement करे तब वो google में आसानी से अपने articles rank करा सकता है | और जितनी अच्छी आप rank करेंगे उतना ज्यादा traffic आपके blog में आने की संभावनाएं हैं|
Google के First Page पर किसी Website, Blog को लाने को ही Successful SEO (Search Engine Optimization) कहते हैं |
Now, Let’s talk About On-Page SEO
अब आपको यह तो मालूम है कि SEO क्या है | अब हम जाते हैं कि, ऑन On-Page SEO से हम क्या कर सकते हैं |
इस बात में कोई सक नहीं है की internet एक बहुत ही बड़ा marketplace है. यहाँ करोड़ों websites और blogs मौजूद हैं, वहीँ प्रतिदिन हजारों की तादाद में blogs बन भी रहे हैं. ऐसे में खुद की website की एक अलग पहचान बना पाना सच में एक बहुत ही मुस्किल काम है | वहीँ अगर search engine के पहले page में rank न हो तब तो traffic की बहुत बड़ी समस्या हो जाती है |
आप सोचते होंगे के अपने ब्लॉग की ट्रैफिक कैसे बढ़ाये. On Page SEO ही वो एकमात्र हथियार होता है जिससे की आप अपने website को सही तरीके से rank कर सकते हैं,
साथ में उसे internet में visible भी बना सकते हैं |
पिछले कुछ वर्षों से, ये on-page के “rules” बहुत हद तक बदल गए हैं क्यूंकि Google हमेशा अपने viewers को best results प्रदान करना चाहता है |
अब हम बहुत से ranking algorithms से deal कर रहे हैं जिनमें Hummingbird, Panda, Rankbrain और semantic इत्यादि मुख्य हैं |अब Google अहिस्ता अहिस्ता smart बनता जा रहा है. ऐसे में आपके on-page strategies को भी improve करना होगा.
ऐसे बहुत से लोग हैं जो की केवल अपने blog प्रारंभ तो कर लेते हैं लेकिन उन्हें SEO के विषय में कुछ भी पता नहीं होता है और साथ में उन्हें कैसे implement किया जाये | तो घबराइए नहीं अब आप इस आर्टिकल को पढ़कर SEO के बारे में सब कुछ सीख जाओगे |
अब, SEO को हम दो separate categories में विभाजित कर सकते हैं ; On-Page SEO और Off-Page SEO.
On-Page SEO उन सभी चीजों को refer करता है जिसे की आप अपने Website में कर सकते हैं |
जिससे की उसे आसानी से search engines में rank किया जा सके, इसमें
- page titles,
- internal linking,
- meta tags descriptions, इत्यादि मुख्य हैं.
Off-Page SEO उन सभी चीज़ों को refer किया जाता है जिसे की आप अपने website के बाहर कर सकते हैं | और इससे ये आपको search engines में high-rank करने में मदद करें | इसमें :-
- social networking,
- article submission,
- forum और blog marketing, इत्यादि मुख्य हैं|
कैसे आप इन On page SEO techniques का इस्तमाल अपने blogs में सही रूप से कर सकते हैं. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं.
On-Page SEO क्या है (What is On Page SEO in Hindi)
On-page SEO (जिसे की on-site SEO भी कहा जाता है), ये उन multiple components को refer किया जाता है एक website में जिससे की उस website को सही तरीके से optimize किया जा सके.
इसमें जो लक्ष्य होता है वो ये की site के pages को कुछ ऐसे set किया जाये जिससे की वो search engines के top pages में दृश्यमान हो और ज्यादा traffic capture कर सके.
ऐसा करने के लिए आपको उसके content, architecture और HTML code को optimize करना होगा.
On-Page SEO का प्रत्येक factor आपके द्वारा ही control किया जाता है आपके website के interface में. इसलिए इसे सही तरीके से करना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है |
जहाँ On-page refer करता है दोनों content और HTML source code को एक page का, वहीँ Off-page SEO refer करता है links और दुसरे external signals को |
जब दोनों SEO techniques को सही माईने में इस्तमाल किया जाये तब ये आपके pages को गूगल में higher-rank कराने में जरुर मदद करेंगे |
एक user किसी नयी website में करीब 10 secs तक ही रहता है, उस website के साथ interact करने के लिए|
वहीँ जितनी ज्यादा interaction और engagement होगी, साथ में जितनी ज्यादा user आपके site में रहेंगे, उतनी ही बेहतर उनकी experience भी होगी |
अगर सही माईने में On Page SEO को implement किया जाये तब आपको जरुर से अपने blog की traffic में एक boost नज़र आएगा |
On Page SEO कैसे करे
On-page SEO में वो सभी on-site techniques शामिल होते हैं जिन्हें की आप implement कर सकते हैं अपने webpages में जिससे की वो SERP ( Search engine results page ) में ऊपर rank करें |
ये दोनों content और technical elements का इस्तमाल करता है | page की quality को improve करने के लिए, जितनी बढ़िया ढंग से आप on-page SEO करेंगे उतनी ज्यादा chances हैं की आपके website को ज्यादा relevant traffic आये |
वैसे तो On Page SEO tutorial in Hindi के बहुत से अलग अलग technical aspects हैं |जिन्हें की optimize किया जा सकता है, उसमें ये मुख्य हैं :
- Title tags
- Headings
- URL structure
- Image Alt
- Site speed
- Internal links
- Meta descriptions
- Responsiveness
- Keyword in Subheading
- Focus keyphrase in Content
On Page SEO Techniques क्या है
चलिए अब कुछ On Page SEO के बेस्ट practices के विषय में जानते हैं. इन On Page SEO को हम अपने article में इस्तमाल कर सकते हैं, जिससे की आसानी से हम On Page SEO कर सकें.
Title Tags उन HTML elements को कहा जाता है जिसे की आप इस्तमाल करते हैं एक webpage का नाम देने के लिए और ये display होते हैं SERPS { Search Engine Results Pages (SERP) are the pages displayed by search engines in response to a query by a searcher. } में clickable result title के रूप में.
प्रत्येक title tag unique, descriptive होनी चाहिए, साथ में ये उस page के विषय में जानकारी प्रदान करनी चाहिए की वो page किस विषय में है, इन्हें एक keyword के साथ optimize भी करना होता है और इनकी length 60 characters के भीतर होनी चाहिए.
Headings वो titles होते हैं जिन्हें की आप अपने content को देते हैं, और बेहतर परिणाम के लिए इन्हें H1 format में ही होनी चाहिए. Headings हमेशा relevant और descriptive शब्दों पर ज्यादा focussed होनी चाहिए, इसके साथ उन्हें ऐसे optimize करनी चाहिए keywords के साथ की, जिससे ये बिलकुल भी stuff जैसे प्रतीत न हो.
साथ में आप अपने content को छोटे छोटे हिस्सों में भी break कर सकते हैं, इसके लिए आप subheadings (H2 से लेकर H6) का इस्तमाल कर सकते हैं, लेकिन ध्यान दें की keywords या phrases का ज्यादा repetition न करें post में.
URL Structure का महत्व बढ़ जाता है जब search engines ये determine करते हैं की एक page कितनी ज्यादा relevant होती हैं एक query की तुलना में, और ये थोड़ी बहुत descriptive जरुर होनी चाहिए page के subject के हिसाब से. आप चाहें तो URLs को भी optimize कर सकते हैं keywords के साथ, जब तक की वो relevant हों. उदाहरण के लिए एक बेहतर URL structure होगी HindiMe : हिंदी में जानकारी यदि हम इसकी तुलना इस Url से करें तब HindiMe : हिंदी में जानकारी).
Alt text या फिर alternative text search engines को ज्यादा information प्रदान करता है एक image के विषय में, वैसे इसका ज्यादातर इस्तमाल images को describe करने के लिए होता है web visitors के लिए जो की उन्हें देख नहीं पाते हैं.
इसलिए, alt text बहुत ही specific और descriptive होनी चाहिए image content के लिए, ये 125 characters या उससे कम की होनी चाहिए, और इसे optimize करनी चाहिए keyword या phrase के द्वारा अगर वो appropriate हों केवल तब.
Page load speed बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्यूंकि slow-loading pages की ज्यादा high bounce rates होती है : एक survey से ये बात सामने आई है की 47 प्रतिसत लोग चाहते हैं की उनकी site 2 से 4 secs के भीतर खुल जाये, और करीब 40 प्रतिशत केवल 4 secs के बाद ही चले जाते हैं.
ऐसे में देखा गया है की search engines उन slow-loading pages को penalize करते हैं lower ranking से, इसलिए अपने blog की page speed को fast करने के प्रति जागरूक हो जाएँ.
Internal links, ये visitors को बहुत ही ज्यादा मदद करते हैं site में आसानी से navigate करने के लिए, साथ ही ये search engines की भी मदद करते हैं आपके site को समझने के लिए और pages को index करने के लिए, जिससे की आप आसानी से higher rank प्राप्त कर सकते हैं. कम से कम आप इतना तो कर ही सकते हैं की, आपके site के प्रत्येक page को उसके category या subcategory page के साथ link back तो कर ही सकते हैं.
Meta descriptions ज्यादातर brief (छोटे) होते हैं लेकिन अलग अलग descriptions जो की title tags में expand करते हैं, ये page की content को summarize करते हैं और web users को कहते हैं की क्यूँ उन्हें आपके content को पढना चाहिए किसी दुसरे के जगह में. ये meta description दृश्यमान होता है title और URL के निचे, इसे 160 characters के भीतर ही शीमित रखना चाहिए.
Responsiveness एक design element होता है जो की ये ensure करता है की आपका page सही तरीके से किसी भी device में display करेंगा, जिसमें mobile devices और desktop भी शामिल हैं. यह आगे भी एक महत्वपूर्ण factor होने वाला है क्यूंकि धीरे धीरे पुरे विस्व के लोग mobile devices का इस्तमाल कर रहे हैं online search के लिए.
Keywords : सबसे ज्यादा महत्व रखने वाला जो element हैं वो होता है keywords. ये उस आठे के तरह होता है जो की आपकी on-page SEO strategy को एक दुसरे के साथ बांधे हुए होता है, इन्हें सभी सभी technical elements के साथ मिलाया जा सकता है जिससे की सही viewer आपके पास सही समय में पहुँच सकें.
इन्हें ज्यादा effective बनाने के लिए, keywords को researched करना होगा और साथ में उन्हें carefully select भी करना होगा, इसके अलावा उन्हें content में बहुत ही natural ढंग से implement करना चाहिए जिससे की stuffing की समस्या उत्पन्न न हो.
On-Page SEO में Content का महत्व
जहाँ technical aspects तो महत्वपूर्ण होता ही है, वहीँ on-page SEO का एक बहुत ही crusial element होता है content क्यूंकि यही वो चीज़ है जो की आपके site को traffic लाता है.
लेकिन अभी के समय में ऐसे तैसे content की कोई अहमियत नहीं है बल्कि अभी के web users हमेशा relevant, interesting, engaging, और informative content की तलाश में ही रहते हैं जो की उनके जरूरतों को पूर्ण कर सके.
वैसे ये contents के रूप भी बहुत से प्रकार के हैं जैसे की
- Blogs
- Web page copy
- Videos
- Infographics
- Podcasts
- Whitepapers
- Ebooks
- Interviews
- Case studies
- Original research
- Reviews
- Instructional articles
- Quizzes and poles
वहीँ एक जरुरी बात ये भी है की viewers उन contents को पसंद नहीं करते हैं जिसमें की login की जरुरत हो, या वो कोई copyrighted material हो इत्यादि.
On Page SEO और Off Page SEO में क्या अंतर है?
किसी भी SEO expert से आप पूछ लें तो आपको एक ही जवाब मिलेगा की अपने blog के success के लिए आपको दोनों on page SEO और off page SEO की जरुरत होती है. जब बात आपके blog की search engine rankings की हो तब ये दोनों ही चीज़ें बिलकुल ही अलग कार्य करती है.
तो चलिए जानते हैं की आखिर इन दोनों में क्या अंतर हैं. इसे समझने के लिए बिलकुल ही basic level में जाना होगा की कैसे search engine कार्य करती है.
जब search engine किसी site को evaluate कर रही होती है तब वो मुख्य रूप से दो चीज़ों को ध्यान में रखती है web में.
1. On-page SEO इससे ये पता चलता है की आपकी site (या आपकी page) किस बारे में हैं
2. Off-page SEO इससे ये पता चलता है की आपकी site कितनी ज्यादा authoritative और popular है
2. Off-page SEO इससे ये पता चलता है की आपकी site कितनी ज्यादा authoritative और popular है
आसान शब्दों में कहें तब, क्या आप rank करना चाहते हैं इसे जानने के लिए on-page factors का इस्तमाल किया जाता है, वहीँ कितनी ऊपर आप rank कर सकते हैं, इसके लिए आपको off-page factors का इस्तमाल करना होगा.
Off-Page SEO उन set of factors को कहा जाता है जो की दुसरे websites में occur होते हैं और जो आपकी website की position को search engine results page (SERPs) में improve होने में मदद करते हैं.
Off page SEO के कुछ major factors हैं :
- Links जो की दुसरे websites में होते हैं और जो आपके website को point करती है
- आपके brand का जिक्र web के across
- User behaviour और engagement आपके website में
- Social Media में Shares
Off-Page SEO में मुख्य रूप से आपकी website का promotion दुसरे website में वो भी बहुत से तरीकों से को ही माना जाता है. उदाहरण के लिए, link building और social media में promotion.
On Page SEO करना क्यों जरुरी होता है?
ज्यादातर लोगों के पास SEO की basic knowledge ही होती है जिसमें उन्हें on page SEO में केवल keywords को page में place करना ही आता है. इस बात में कोई दोराहें नहीं है की On Page Optimization के लिए keywords बहुत ही महत्वपूर्ण होती है, लेकिन इसके साथ उसे और भी बहुत ही चीज़ें होती है जो की जानना और implement करना बहुत ही जरुरी है.
जल्द ही आपको इसके विषय में मालूम पड़ेगा, on-page optimization में :
- keywords
- copywriting
- media
- links
- User Experience (UX)
- और साथ में conversions.
सभी on-page SEO factors को सही तरीके से समझना और उसे execute करना बहुत ही जरुरी है क्यूंकि इसी के द्वारा ही आप google में ऊपर rank कर सकते हैं.
On-Page SEO में एक User-Friendly Website का क्या महत्व है?
On-Page factors में दोनों front end (content) आपकी site की और साथ में backend (HTML code) शामिल हैं.
Google की algorithm track करती हैं आपके website की quality और user-friendliness को, वो भी इस तरह से की कैसे :
1. उनकी bot crawler interact करती हैं backend के साथ और
2. वहीँ कैसे असली इन्सान interact करते हैं front end के साथ
2. वहीँ कैसे असली इन्सान interact करते हैं front end के साथ
दुसरे on page factors पे जाने से पहले, चलिए जानते हैं की क्यूँ एक user friendly website उन्हें एक साथ बांध कर रखती है.
आप अपनी site में चीज़ों को control में रख सकते हैं लेकिन आप ये control नहीं कर सकते हैं की users आपके site में कितने समय तक रहेंगे. एक user-friendly website human engagement को प्रोत्साहित करती है.
अगर front end की content उतनी ज्यादा appealing, user-friendly और relevant न हो तब ज्यादातर लोग चले जायेंगे दूसरी websites में.
इसलिए जब आप On-Page SEO perform करें, तब मन में ये चिंता करें की एक user-friendly experience का मतलब होता है की जब कोई आपके website के page में आता है तब :
- उन्हें ये Clearly समझ में आना चाहिए की आपका webpage किस विषय में है
- ये page उनके search intent को पूर्ण करना चाहिय या उसके लिए relevant होना चाहिए (उनके search keywords)
- उन्हें ये प्रतीत होना चाहिए की ये page बहुत ही useful है और इससे page की ranking भी बढ़ेगी.
On-Page SEO के Major Factors क्या है?
वैसे तो On-Page SEO के बहुत से factors हैं लेकिन चलिए हम कुछ specific factors के विषय में जानते हैं.
असल में इन factors को divide किया जा सकता है दो हिस्सों में पहला है front-end और दूसरा है backend factors.
असल में इन factors को divide किया जा सकता है दो हिस्सों में पहला है front-end और दूसरा है backend factors.
Front-End Factors:
ये उन factors को कहा जाता है जो की visible होते हैं users को जो site को visit करने आते हैं. चलिए इनके विषय में और अधिक जानते हैं
- Value — क्या आपका article users को value प्रदान करता है? इन चीज़ों में headline, topics, और images मुख्य हैं.
- User Experience — क्या आपका site जल्द से load होता है? क्या ये navigate करने में आसान है? क्या इसे किसी भी device में आसानी से खोला जा सकता है?
- Keywords और Content — क्या आपके keywords और content optimized हैं search के लिए? दुसरे शब्दों में, क्या आप ऐसे keywords और phrases का इस्तमाल करते हैं जिन्हें की असल में users search engine में ढूंड रहे हैं?
Backend Factors:
वहीँ backend में, Google आपके page की relevance के हिसाब से कुछ opinions बना रहा है, जिसमें कुछ चीज़ें शामिल है जैसे की :
- Bot-friendliness — क्या आपका data organized है जिससे की Google की search engine bots उन्हें आसानी से scroll कर पा रहे हों और ये जान पा रहे हों की आखिर वो किस विषय के लिए हैं?
- • Metadata — क्या आपके HTML codes में आपके page को लेकर कोई information मेह्जुद हैं? जैसे की meta descriptions, URLs, और title tags इत्यादि.
- Mobile-friendliness — क्या आपका site सही तरीके से optimized है mobile में देखने के लिए? क्या आपकी site design responsive है?
दोनों front end और backend किसी website का matter करता है जब बात SEO की आये तब.
On Page SEO या Off Page SEO : कौन ज्यादा महत्वपूर्ण है?
ऐसा कहना बिलकुल भी सही नहीं है की On Page SEO बेहतर हैं या Off Page SEO. On-Page और Off-Page SEO दोनों मिलकर कार्य करते हैं और इससे की search engine rankings को improve किया जा सकता है.
इसलिए SEO में सभी चीज़ों को समान महत्व देना अत्यंत आवश्यक होता है.
Title tag:
हमें अपने Title tag में अपना keyword use करना क्यूंकि जब कोई भी user कोई keyword type करता है तो crawler keyword match करता है और अगर आपका keyword match करता है तो आपके content को ऊपर ला सकता है, इसलिए हमें हमेशा title section में अपना keyword use करना चाहिए और याद रखे आप अपने title को 60 character से ऊपर ना ले जाये.
URL tag:
हमें अपने Website या blog का URL simple रखना चाहिए जिससे की user आपके web page को देखकर समझ जाये कि आपका blog किस बारे में होगा और अपने URL में keyword का भी इस्तेमाल करना चाहिए.
1.www.website.com/dhsdasoifjeo/adkfafi-fauufha-ff/j
2.www.website.com/services/logo-services-in-your-city
ऊपर मैंने 2 अलग-अलग URL लिखा हुआ जहां पर 1st URL बहुत ही complicated है जिसे की user समझ नहीं पायेगा जबकि 2nd URL बहुत ही आसान है और आसानी से समझ में आ जायेगा कि ये web page किसके बारे में है.
Meta Description:
Description भी एक बहुत important factor होता है इस section में हमें अपने उस page के सारे content का summary बनाना होता है और हमें इसका length 145-160 characters के बीच में ही रखना होता है और इतने ही characters में हमें अपना keyword use करना होता है, क्यूंकि अगर हमने इससे ज्यादा character type किया तो भी Search Engine limited content ही description में show करेगा और अगर आपने अपना keyword 160 characters के बाद mention किया तो crawler उसको read नहीं करेगा.
H1 Heading tag:
On-page SEO checklist 2018 में H1 heading का बहुत important होता है और H1 tag का use 1 page में 1 बार ही करना होता है, अब आप ये सोच रहे होंगे कि क्यू एक बार ही use करना होता है तो जैसा हम सभी जानते है कि जब हम किसी article या Web page को पढ़ते है तो हम Fonts के size और weight को देख कर जान जाते है कि उस article या Web page में क्या main heading है और क्या sub heading है. लेकिन crawler को कैसे पता चलेगा कि क्या हमारा main content है इसलिए हम H1 tag का उपयोग करते है.
Note: हमें हमेशा H1 में अपना keyword use करना चाहिए क्यूंकि as a user जब हम Search Engine में कोई भी keyword type करेंगे तो crawler सबसे पहले Title और H1 tag ही check करता है कि किस article का H1 tag user द्वारा search किया गया keyword से match करता है फिर crawler उस article को सबसे ऊपर Index करेगा. इसलिए आप इस बात को ध्यान में रखे और अपने H1 heading में keyword का मिश्रण जरूर करें.
Meta Tags:
ये tag भी बहुत important tag होता है, Meta tag के जरिये ही हम अपने website का information crawler को देते है| और इसमें बहुत से type के अलग-अलग Meta tags होते है और सब के अपने अलग काम होते है.
Meta tags को हम Head section के अन्दर लिखते है-
<html>
<head>
<title> Page title </title>
<meta name “Keyword” content=” SEO Tutorials, On-page SEO Tutorials” />
</head>
<body>
</body>
</html>
<head>
<title> Page title </title>
<meta name “Keyword” content=” SEO Tutorials, On-page SEO Tutorials” />
</head>
<body>
</body>
</html>
Note: ऊपर दिए गए coding में meta tags को समझते है, meta name “Keyword” हमारा meta type है और content=” SEO Tutorials, On-page SEO Tutorials, SEO Tutorials for the beginner” ये सारे हमारे keywords है.
<meta name “description” content=” Keyword 1, Keyword 2>
अपने web page के content को लिखना होता है , जो आपको अधिकतम 160 characters से ज्यादा नहीं लिखना चाहिए ” />
<meta http-equiv “refresh” content=” 5″ />
इसका tag का मतलब होता है कि आप का webpage हर 5 seconds के बाद refresh हो जायेगा बिना user के browser को Disturb किए हुए|
<meta name “author” content=” Technical Sahayata” />
इस tag का उपयोग हम इसलिए करते है कि जैसे कोई user अपने browser में “Technical Sahayata” type करेगा तो भी उसको मेरा page आने का chances रहता है, आप अपना नाम भी डाल सकते है|
<meta http-equiv “content-type” content=”text/html; charset=UTF-8″ />
इस tag के माध्यम से हम Search Engine को ये बताने की कोशिश करते है कि हमारा webpage किस language में बनी है
<meta name=”viewport” content=”width=device-width, initial-scale=1″>
इस tag के माध्यम से हम अपने Search Engine को बताते है कि हमारा website छोटी devices जैसे mobile और tablet में भी अच्छे से खुलता है|
क्यूंकि अब Search Engine छोटे devices को भी priority देता है अगर आपने small devices के लिए अपने blog या website को optimize नहीं किया है तो search engine कभी भी आपके webpage को ऊपर लेकर नहीं आएगा|
क्यूंकि अब Search Engine छोटे devices को भी priority देता है अगर आपने small devices के लिए अपने blog या website को optimize नहीं किया है तो search engine कभी भी आपके webpage को ऊपर लेकर नहीं आएगा|
Image Optimization:
जब भी हम कोई article या website create करते है तो हमें अपने website में use किये गए images को perfect तरीके से use करना चाहिए क्यूंकि On-page SEO में image optimization major role निभाता है, इसलिए हमें अपने website में use किये गए हर image size कम करना चाहिए वो भी बिना quality loss किये|
अगर कोई user हमारे website में आता है और image खुलने में ज्यादा समय लगता है तो वो user आपके website को छोड़कर चला जायेगा और आपका Bounce rate बढेगा और ऐसे में Search Engine आपके website का Ranking इसलिए drop कर देगा क्यूंकि उसको लगेगा की user ज्यादा देर तक रुक नहीं रहा है इसका मतलब website उस keyword के relavant नहीं है|
Image को optimize करने के लिए यहाँ click करें|
अगर कोई user हमारे website में आता है और image खुलने में ज्यादा समय लगता है तो वो user आपके website को छोड़कर चला जायेगा और आपका Bounce rate बढेगा और ऐसे में Search Engine आपके website का Ranking इसलिए drop कर देगा क्यूंकि उसको लगेगा की user ज्यादा देर तक रुक नहीं रहा है इसका मतलब website उस keyword के relavant नहीं है|
Image को optimize करने के लिए यहाँ click करें|
Alternative text (Alt tag):
जब भी हम कोई image use करें तो हमें चाहिए की उस image का alternative text का use जरूर करना चाहिए.
ऐसा इसलिए कि
User image देखकर जान जाता है कि image किस type का है लेकिन Search Engine को सिर्फ text समझ में आता है, और अगर हम Alt tag या Alernative text का use नहीं करेंगे तो Search Engine को समझ में नहीं आएगा और वो आपके webpage को top पर Index नहीं करेगा|
Unique Content:
आप कितना भी On-page SEO और Off-page SEO में मेहनत कर लो लेकिन जब तक आपके website या blog में use किया गया content unique नहीं होगा तब तक आपका SEO का पूरा Result आपको नहीं मिलेगा.
इसीलिए कहा भी गया है कि “Content is king” और इस बात को SEO experts भी agree करते है|
वैसे बहुत से paid and free tools market में available है जिससे कि हम किसी दुसरे का content कॉपी करके tools के सहायता से content ही change कर देते है लेकिन ये process आपके content को difficult बना देता है क्यूंकि ये tools आपके copy किये हुए content का synonyms use कर लेता है, Content तो नया हो जाता है लेकिन readabilty difficult हो जाता है|
वैसे बहुत से paid and free tools market में available है जिससे कि हम किसी दुसरे का content कॉपी करके tools के सहायता से content ही change कर देते है लेकिन ये process आपके content को difficult बना देता है क्यूंकि ये tools आपके copy किये हुए content का synonyms use कर लेता है, Content तो नया हो जाता है लेकिन readabilty difficult हो जाता है|
Bold/Italic tag:
Bold और Italic आपके paragraphs में use किये गए content को highlight करता है जो कि visitors को जल्दी नजर आ जाता है और Search Engine भी समझ जाता है कि ये कोई main keyword है जिसे की आप highlight करना चाहते है|
तो जब कभी भी हम webpage या article बनाये तो हमें Bold/Italic का use कर ही लेना चाहिए लेकिन याद रखे main content को ही Bold या Italic में रखे|
Hyperlink और Anchor text का उपयोग कैसे करे?
ये तो हम सब जानते है कि Hyperlink और Anchor text का उपयोग हम तभी करते है जब हम किसी दुसरे webpage पर redirect करने के लिए करते है|
लेकिन यहाँ पर मैं यह कहना चाहता हूँ कि जब हम किसी word पर Hyperlink देते है तो वो शब्द उसी content के related होना चाहिए| for example, हमारा एक article है उसमे एक word (digital marketing company in chennai) है और अगर हम इस word पर Hyperlink use किये और जो नया पेज खुला अगर वो digital marketing company के जैसा ही होना चाहिए|
लेकिन यहाँ पर मैं यह कहना चाहता हूँ कि जब हम किसी word पर Hyperlink देते है तो वो शब्द उसी content के related होना चाहिए| for example, हमारा एक article है उसमे एक word (digital marketing company in chennai) है और अगर हम इस word पर Hyperlink use किये और जो नया पेज खुला अगर वो digital marketing company के जैसा ही होना चाहिए|
Canonical Issue:
चलिए On-page SEO के इस metric को हम example में बताते है, जिससे कि आप 1 बार में ही canonical issue समझ जाएँ और भविष्य में इस बात का ध्यान रखेंगे, तो चलिए शुरू करते है:
1. https://www.yourwebsite.com
2. www.yourwebsite.com
3. yourwebsite.com
4. http://www.yourwebsite.com
1. https://www.yourwebsite.com
2. www.yourwebsite.com
3. yourwebsite.com
4. http://www.yourwebsite.com
Note: तो हमने ऊपर 4 अलग- अलग URL देखा लेकिन चारो website 1 ही है, बस थोडा सा changes है सब में, यहाँ समझने वाली बात ये है कि जब भी हम इन चारो में से कोई भी URL अपने browser में hit करें तो URL हर बार एक ही आना चाहिये|
अगर हर बार अलग अलग URL पर redirect होगा तब जान लीजिये कि आपके website में canonical issue है | और ऐसे में Search Engine आपके website को suspend भी कर सकता है क्यूंकि Search Engine को लगता है कि ये चारो website अलग-अलग है और content कॉपी किया गया है और ऐसे में ये हमारे On-page SEO के efforts को कमजोर कर देता है.
अगर हर बार अलग अलग URL पर redirect होगा तब जान लीजिये कि आपके website में canonical issue है | और ऐसे में Search Engine आपके website को suspend भी कर सकता है क्यूंकि Search Engine को लगता है कि ये चारो website अलग-अलग है और content कॉपी किया गया है और ऐसे में ये हमारे On-page SEO के efforts को कमजोर कर देता है.
Broken link/404 page not found:
इसका मतलब यह होता है कि आज हमने अपने blog पर कोई article publish किया और कुछ दिनों के बाद हम उस article को delete कर दें|
जब हम कोई article publish करते है तो उसका एक URL generate होता है, और उस URL के ऊपर जब को click करता है तो आपके उस article पर redirect हो जाते है| लेकिन जब हम उस article को delete कर देते है, उसके बाद अगर कोई visitors आपके उस links पर click किया तो क्या होगा? तब हमें browser के जरिये एक message आएगा, जो हमको बताता है की “page not found”
जब हम कोई article publish करते है तो उसका एक URL generate होता है, और उस URL के ऊपर जब को click करता है तो आपके उस article पर redirect हो जाते है| लेकिन जब हम उस article को delete कर देते है, उसके बाद अगर कोई visitors आपके उस links पर click किया तो क्या होगा? तब हमें browser के जरिये एक message आएगा, जो हमको बताता है की “page not found”
ऐसे में हम क्या करें?
तो हमको चाहिए हम एक image पहले से बनाकर अपने blog या website पर रख ले, जिससे कि अगर Users किसी ऐसे page को open करता है तो उसको वो image display हो, और निचे या कही भी एक Button होना चाहिए जिसपर click करके वह आसानी से आपके website या blog पर redirect हो सके|
On-page SEO में यह भी बहुत important metric है, जिसका हमको ध्यान रखना ही होगा|
Keyword Density:
Keyword Density का मतलब होता है कि अपने main keyword का सही उपयोग करना, सही उपयोग का मतलब कि अपने website पर keyword 2% से 2.50 % तक ही use करना.
For example, अगर आपके article का size 1000 words है तो आपको अपने keyword का उपयोग 20-25 बार से ज्यादा नहीं होना चाहिए|
Keyword Proximity:
Keyword proximity का मतलब होता है कि कैसे हम अपने long tail keywords का use करते है.
For example,
1. Express article launches the mobile application. (High Proximity Keyword)
2. Express article launches the application for mobile. (Low Proximity Keyword)
Note: यहाँ पर हमारा keyword है “mobile application” और आप देख सकते है कि दोनों examples में कैसे हमने अपने keyword का इस्तेमाल किया है| तो हमें कभी भी High Proximity Keyword का ही use करना करना है.
Keyword Prominence:
Keyword prominence का मतलब हमें अपने keyword का proper जगह पर use करना होता है for example,
1. अपने targeted keyword का title section में एक बार जरूर करें.
2. अपने targeted keyword का URL section में भी उपयोग करें.
3. अपने targeted keyword का Permalink में भी use करें.
4. article के first paragraph में अपने targeted keyword का इस्तेमाल जरूर करें.
5. अपने targeted keyword का H1 और H2 tag में भी use करें.
1. अपने targeted keyword का title section में एक बार जरूर करें.
2. अपने targeted keyword का URL section में भी उपयोग करें.
3. अपने targeted keyword का Permalink में भी use करें.
4. article के first paragraph में अपने targeted keyword का इस्तेमाल जरूर करें.
5. अपने targeted keyword का H1 और H2 tag में भी use करें.
Grammar & Spelling:
जब कोई हम article लिखते है तो हमें Grammar और Spelling जरूर ही check करना चाहिए, क्यूंकि Search Engine Grammar और Spelling को बहुत तवज्जो देता है On-page SEO में.
Sitemap.xml:
Sitemap.xml के उपयोग से ही हम अपने webpages को Search Engine में listing करा पाते है, निचे दिए गए image को देखे और समझे की Sitemap.xml क्या होता है?
यहाँ से अपने website के लिए sitemap.xml generate करें|
यहाँ से अपने website के लिए sitemap.xml generate करें|
Robots.txt:
ज़ब हम किसी page का indexing Search Engine में नहीं कराना चाहते है तब हम Robots.txt का उपयोग करते है|
Example –
Example –
1. जब हम किसी भी web page या URL को block नहीं करना चाहते है, तो
User-agent: *
Disallow:
या ( कोई एक ही )
User-Agent: *
Allow: /
2. जब हम सारे web page या URL को block करना चाहते है, तो
User-agent: *
Disallow: /
3. जब हम किसी एक web page या URL को block करना चाहते है| for example, यहाँ पर हम अपने contact-us पेज को index नही करना चाहते है, तो ऐसे लिखेंगे
User-agent: *
Disallow: /contact-us
Note: इनमे से हम अपने जरूरत के अनुसार कोई भी एक type का select करते है और उसको हम .txt के format में ही save करना hoga.
Mobile Friendly SEO:
आज के समय में इस metric का ध्यान तो हमें miss ही नहीं करना चाहिए क्यूंकि आज के समय में लगभग सब लोगों के पास android mobiles या कोई दूसरा smartphones रहता ही रहता है, तो ऐसे में हमें इसके बारे में कुछ ज्यादा ही ध्यान रखना चाहिए .
For example, हमारे पास कोई website है and वो laptop और Computer में बिल्कुल ही खुलता है लेकिन जब हम बात करते हैं कि ये हमारा website mobile में भी बराबर से open हो तो बहुत सारे developers आपके content को hide करके mobile device के लिए भी बना देते है, लेकिन हमको ये याद रखना होगा कि हमारा कोई भी Important section छूटना नहीं चाहिए.
Mobile Friendly SEO के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है-
1. Font मोबाइल screens में भी बराबर दिखना चाहिए.
2. Buttons ज्यादा छोटा नहीं होना चाहिए, जिससे की users को परेशानी न होने पाए.
3. <meta name=”viewport” content=”width=device-width, initial-scale=1″> इस tag को हमें अपने header section में जरूर use करना चाहिए, जिससे की हम Eearch Engine को बता सकें की हमारा website मोबाइल के लिए भी बनाया गया है|
4. Content का layout गड़बड़ नहीं होना चाहिए.
2. Buttons ज्यादा छोटा नहीं होना चाहिए, जिससे की users को परेशानी न होने पाए.
3. <meta name=”viewport” content=”width=device-width, initial-scale=1″> इस tag को हमें अपने header section में जरूर use करना चाहिए, जिससे की हम Eearch Engine को बता सकें की हमारा website मोबाइल के लिए भी बनाया गया है|
4. Content का layout गड़बड़ नहीं होना चाहिए.
Website Speed Load time:
जब हम अपना website बनाते है तो उसका speed भी अच्छा होना चाहिए, क्यूंकि अगर आपका website Search Engine के अनुसार load नहीं होता है तो Search Engine आपके website को penalize कर देते है.
और दूसरा reason ये भी है कि अगर हमारा website ज्यादा समय लेगा तो user परेशान होकर आपके website को छोड़कर चला जायेगा और ऐसे में Search Engine आपके रैंकिंग को drop कर देगा| इसलिए On-page SEO में हमें इसका भी ध्यान रखना चाहिए.
मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को SEO क्या है के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को SEO के बारे में समझ आ गया होगा|
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